सच्चे मन से की गई शनिदेव की आरती (Shani dev aarti) जीवन के सारे दुःखो को दूर करने का सरल और सुगम उपाय है। शनिवार को शनि महाराज की आरती और शनि चलिशा Shani Dev Chalisha का ध्यान और सुमरन करने पे सभी दुःखो से निवारण मिलता है।
आज हम आपको इस पोस्ट में शनि देव की आरती बता रहे है, आप सब हो सके तो प्रत्येक दिन नहीं तो कम से कम शनिवार को सुबह, नाहा-धो के इसे जरूर करे।
अगर आपके पास सुबह समय नहीं मिल पाये तो पूरे दिन में कभी भी जब आप फ्री हो उस समय शनिदेव आरती या शनिदेव चालीसा का पाठ जरूर करे, बस सच्चे मन से करना।
शनिदेव आरती हिंदी में Shani Dev Aarti hindi
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव….
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