Bharat Ratan Karpoori Thakur Biography, Age, Spouse, Awards | भारत रतन कर्पूरी ठाकुर की जीवनी

Karpoori Thakur Biography

कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को भरत रतन देने की घोषणा कर दी गई है, लेकिन बहुत लोगो को नहीं पता की Karpoori Thakur कौन है, इस पोस्ट में हम आपको Bharat Ratan Karpoori Thakur Biography, Age, Spouse, Awards यानी भारत रतन कर्पूरी ठाकुर की जीवनी के बारे में बताएँगे।

शार्ट में अगर बताये तो कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक भी कहा जाता था।

कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया में हुआ था, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) नाई जाति में हुआ था। जननायक जी के पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम करते थे।

कर्पूरी ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल में प्राप्त की। फिर वे पटना चले गए और वहाँ से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। इसके बाद वे पटना विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई करने लगे, लेकिन पढ़ाई के दौरान ही वे स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए।

Karpoori Thakur stamp of india dakticket
Dak Ticket Of Karpoori Thakur

Who was Karpoori Thakur in Hindi
कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) कौन है?

InformationDetails
NameKarpoori Thakur
Date of BirthJanuary 24, 1924
Date of DeathFebruary 17, 1988
OccupationFreedom Fighter, Teacher, Politician
Political PositionsDeputy Chief Minister of Bihar, Two-time Chief Minister of Bihar
NicknameJan Nayak (People’s Leader)
BirthplacePitaunjia, Samastipur, Bihar, India (now known as Karpurigram)
ParentsFather: Gokul Thakur, Mother: Ramdulari Devi
Early EducationLocal school in Pitaunjia, Intermediate from Patna
Higher EducationPatna University (Started but joined the Independence Movement during studies)
Freedom MovementActive participant in the Quit India Movement (1942), served 26 months in jail
Political CareerElected as a member of Bihar Legislative Assembly in 1952, continued winning in multiple elections until 1988
Political MilestonesBecame Deputy Chief Minister of Bihar in 1967, Chief Minister in 1970
Contributions as Chief MinisterInitiated various development schemes in education, health, agriculture, irrigation, and more
Key AchievementsFirst non-Congress Chief Minister of Bihar, Implemented prohibition in the state
LegacyRegarded as one of Bihar’s greatest leaders, known for pro-poor and pro-backward class initiatives
DeathPassed away on February 17, 1988
Popular Achievements– Implemented prohibition in Bihar
– Launched welfare schemes for the poor and backward classes
– Strengthened democracy and law enforcement in Bihar

1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कर्पूरी ठाकुर ने सक्रिय भाग लिया। इस आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें 26 महीने जेल में रहना पड़ा। जेल से छूटने के बाद उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया और अंत में भारत को आज़ाद करवाने में बहुत महत्पूर्ण योगदान दिया।

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पहली बार, 1952 में कर्पूरी ठाकुर बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। वे सोशलिस्‍ट पार्टी के टिकट पर ताजपुर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ने, और जीत, कर्पूरी ठाकुर विधायक बने। इसके बाद वे लगातार 1952, 1957, 1962, 1967, 1972, 1977, 1980, 1985 और 1988 में हुए विधानसभा चुनावों में जीतकर विधायक चुने गए।

1967 में कर्पूरी ठाकुर बिहार के उपमुख्यमंत्री बने और 1970 तक इस पद पर बने रहे। 1970 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।

कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए जिसमे बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई और अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की। सबसे पहले उन्होंने ही बिहार में शराबबंदी की भी घोषणा की।

कर्पूरी ठाकुर की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे बिहार में दो बार मुख्यमंत्री बने। वे बिहार के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे।

कर्पूरी ठाकुर का 17 फरवरी 1988 को निधन हो गया। उनकी मृत्यु पर पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई। उन्हें बिहार के सबसे महान नेताओं में से एक माना जाता है।

Major works of Karpuri Thakur कर्पूरी ठाकुर के प्रमुख कार्य

  • बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई और अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की।
  • बिहार में शराबबंदी की घोषणा की।
  • बिहार में गरीबों और पिछड़ों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की।
  • बिहार में लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम किया।

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Achivement Of Karpoori Thakur कर्पूरी ठाकुर की उपलब्धियां

  • बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री।
  • बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई और अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • बिहार में शराबबंदी की घोषणा की।
  • बिहार में गरीबों और पिछड़ों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की।
  • बिहार में लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम किया।

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In memory of Karpoori Thakur कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में

  • बिहार सरकार ने कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना की है।
  • बिहार सरकार ने कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक राष्ट्रीय राजमार्ग की भी स्थापना की है।
  • बिहार के कई जिलों में कर्पूरी ठाकुर के नाम पर सड़कों, चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का नामकरण किया गया है।

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